हल्दी के चमत्कारी फायदे for Dummies
हल्दी को अन्य भाषाओं में क्या कहा जाता है?
मुँह के छालों का होना पाचन क्रिया के खराब होने के कारण होता है। हल्दी में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचकाग्नि को ठीक कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करती है, जिससे मुँह के छालों में आराम मिलता है साथ हि इसमें रोपण (हीलिंग) का भी गुण पाया जाता है जो की मुँह के छालों को जल्द भरने में सहायक होती है।
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ग्रीन सलाद पर भी थोड़ी सी हल्दी डाल सकते हैं। इससे सलाद में पौष्टिक तत्व बढ़ सकते हैं।
मसालों के मामले में भारत एक धनी देश है। यहां अलग-अलग व्यंजनों के लिए सामान्य से लेकर खास मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, इनमें कुछ ऐसे भी मसाले हैं, जिन्हें अपने औषधीय गुणों की वजह से आर्युवेद में विशेष स्थान दिया गया है। हल्दी इन्हीं में से एक है। माना जाता है कि स्वास्थ्य के लिए हल्दी के फायदे अनेक हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हल्दी के औषधीय गुण बताने जा रहे हैं। यहां आप जान पाएंगे कि सामान्य सी दिखने वाली हल्दी का उपयोग किस प्रकार शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकता है। हल्दी के फायदे के साथ इस लेख में हल्दी के नुकसान के बारे में भी बताया गया है। लेख को पढ़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि हल्दी किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, यह केवल समस्या से बचाव और उनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकती है।
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दूध में शक्कर की जगह शहद मिलाकर इस्तेमाल करें या फीका ही इस्तेमाल कर सकते हैं फ़ायदा जरूर होगा।
अगर सूप पीते हैं, तो उसमें भी थोड़ी हल्दी मिक्स की जा सकती है।
हल्दी, अदरक परिवार का एक पौधा है जो मूल रूप से दक्षिण पूर्व एशिया का निवासी है और इसकी अधिकतर खेती इसी क्षेत्र में होती है। इस पौधे की जड़ (जिसे हल्दी के रूप में जाना जाता है) को पाक मसाले और पारंपरिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
हल्दी एक आम मसाला है जो भारतीय रसोई में पकवानो में पीला रंग देने के लिए और उन्हें इसके गुणों से भरपूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। करक्यूमिन हल्दी का एक प्रमुख घटक है, और हल्दी के फायदों के लिए करक्यूमिनोइड्स (करक्यूमिन और उससे संबंधित पदार्थ) को ही जिम्मेदार माना जाता है। करक्यूमिन हल्दी को उसका पीला click here रंग देता है।
अगर दस्त पुराना हो तो एक चम्मच पिसी हल्दी को एक कप छाछ में मिलाकर दिन में दो बार रोगी को पिलाएं इससे पुराना दस्त भी बन्द हो जाता है।
पाचन संबंधित समस्या होने पर कच्ची हल्दी खाना चाहिए हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन पेट और पाचन की परेशानियों को ठीक करता है। करक्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है जिससे पाचन में सुधार होता है। डायरिया, अपच, गैस होने पर कच्ची हल्दी को पानी में उबाले और इसे पिएं।
यहां हम हल्दी के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं –
कच्ची हल्दी को मिलाकर तैयार किया गया हल्दी वाला दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने का सबसे बढ़िया घरेलु उपाय है जो बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक, सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है।